इसकी स्थापना श्री मुरारीलाल दीवान जी द्वारा मानसिक रूप से विकलांग और विशेष रूप से विकलांग बच्चों के लिए की गई थी। युवा वयस्कों को रोजगार योग्य और आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए इन छात्रों को डे बोर्डिंग और काउंसलिंग प्रदान की जाती है।
यहां फिलहाल 50 बच्चों को जोड़ा जा रहा है।
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